What is Love ?

प्रेम क्या हैं ?” यह जानने से ज्यादा आत्म-अनुभव करने का विषय है। जाहे आप कितना भी “What is Love” गूगल करके लंबे लंबे लेख पढ़-लिख डालें अथवा भारत में प्रेम शास्त्र के एकमात्र अध्ययन केंद्र कोलकाता के प्रिसिडेंसी यूनिवर्सिटी से लव पर डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स प्राप्त कर लें, आपके पाले कुछ भी नहीं पड़ेगा। क्योंकि यह फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी से सैकड़ो-हजारों कदम आगे प्रारंभ होकर गणित के अनंत में अंत होता हैं | दुसरे शब्दों में प्रेम अंत विहिन विषय-विषयांतर से परे हैं | यह कहना ही काफ़ी नही हैं कि जबतक आप प्यार नहीं करेंगे.. आपके समझ के हिस्सेदारी में जीरो बट्टा सन्नाटा(0/सन्नाटा) हाथ लगेगा ! 99% लोग प्रेम में मजनू-लैला, हीर-रांझा, रोमिओ-जूलिया होने के वावजूद प्रेम को न समझ पाते हैं और न ही परिभाषित |
रंग-रूप, आकर-प्रकार, सुंदरता-बुद्धिमानी जैसे भौतिक पक्ष को पक्षधर और पैमाना बनाकर किया गया प्रेम, प्रेम से पहले समझौता हैं | प्रेम H2 और O2 को 1:2 मिलाकर लेबोरेट्री में H2O बनाने की भाति कोई रासायनिक प्रक्रिया नही हैं, जिसे आप एक संतुलित समीकरण मात्र से प्रस्तुत कर अपने जिम्मेवारी से मुक्त हो जाये | जीवन यात्रा के विभिन्न कालखंडों और अध्यायों में केमिस्ट्री को चकाचक रखते हुए हार्मोन का संतुलिकरण खुशहाली युक्त प्रेम कहानी की छोटी सी चाभी हैं |
ओशो कहते हैं “तुम एक स्त्री या एक पुरुष के प्रेम में पड़ते हो, क्या तुम सही-सही बता सकते हो कि इस स्त्री ने तुम्हें क्यों आकर्षित किया?” मनन करे, आपसे सटीक कोई नही बता सकता उस वजह को जिसके लिए आप अकसर गुनगुनाते हैं : “वजह तुम हो…………………” | ईमानदारी युक्त उत्तर हैं “शारीरिक रचना, पुरुषो के हार्मोन में कुछ ऐसा है जो हमे स्त्री के शरीर विज्ञान की ओर, और उसका हार्मोन की हम पुरुषों की ओर |, केमिस्ट्री का यह आकर्षक खेल को यदि आप प्रेम प्रसंग कहते है, तो जनाब यह रासायनिक प्रसंग से ज्यादा कुछ हैं ही नही ” |
यदि सच्चे प्रेम की दिलासा देकर स्वयं की अन्तरात्मा को नही ठगना चाहते हैं, तो फिर रासायनिक प्रसंग को सबसे पहले मानसिक प्रसंग बनाइयें, तत्पश्चात इसे आत्मिक अर्थात आत्मा के प्रसंग में रूपांतरित करे | प्रेम प्रसंग यदि आत्मीय प्रसंग को कुछ चंद % भी प्राप्त कर ले, तो निसंकोच आपकों इस जन्म की तो छोडिये, अगले कुछ जन्मो का भी कोई मलाल नही रहेगा |
अरे मैं तो बताना ही भूल गया कि 21वी शताब्दी में अपने दिल का भरता बना कर गर्ल्स कॉलेज के सामने गोलगप्पे का स्टाल लगाने वाले ग़ालिब की स्वीकारोक्ति हैं: ‘प्यार करना नहीं पढता जनाब, ये तो बस हो जाता हैं।‘ दुर्भाग्यवश प्यार करने की कोशिश में हम-आप आदर्श प्रेम का निर्माण करने कि बजाये आदर्श प्रेमी खोजने और एक दूजे को अपने मन-मुताबिक बदलकर आदर्श बनाने में अपना मूल्यवान समय नष्ट कर रहे हैं |
“जब प्रेम को चोट लगती हैं तो वह क्रोध बन जाता हैं, जब वह विक्षोभ होता हैं तो वह ईर्ष्या बन जाता हैं , जब उसका प्रवाह होता हैं तो वह करुणा हैं और जब वह प्रज्वलित होता हैं तो वह परमान्द बन जाता हैं |– आर्ट ऑफ़ लिविंग


© Pawan Belala 2018


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33 thoughts on “What is Love ?

  1. क्या बात —-बहुत खूब—–हरएक रासायनिक प्रक्रिया एक अविष्कार है—-फिर प्रेम भी एक अविष्कार है
    हर आविष्कार जरुरत है और प्रेम—–तू मेरी जरुरत है——फिर विवाद कैसा—-क्या बात-बहुत बढ़िया—

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    1. कोलकाता के प्रिसिडेंसी यूनिवर्सिटी में ,लव पर डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स होता है ? मेरे लिये नई जानकारी है.

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  2. Love is a state of mind. I read a story. A young newly wed couple went to see Tajmahal. The symbol of love. An emperor but it for his wife. Then they saw a middle aged man carrying is wife on his back. He has been carrying her for past decade or more. Author asks which one is a symbol of greater love?

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