Dear π,
तुम्हारे बिना जिंदगी जंजाल सी हो गई हैं। राते करवटे बदलते बिताते हैं और दोपहर खर्राटों के संग। इधर गर्मियों में डिग्री सेंटीग्रेट डेली अपना वैट गेन कर रही हैं। इस जिंदगी के मेले में नाना प्रकार का झमेला हैं। अब देखों न, कल तुम्हारे बारे में मम्मी से बात कर रहे थे। हम तुम्हारे शुभ नाम का उच्चारण किये ही थे कि हमारी माताश्री 22/7 कहने लगी।”अरे मम्मी, वो Exactly 22/7 नहीं हैं यार, वो तो π का Approximate Value हैं।” तर्क के संग समझाने की कोशिशें की थीं मैंने। हम कुछ और कहते, उससे पहले ही वो कहने लगी कि तुम Irrational (अपरिमेय) हो…बस। अब समझ में नहीं आता कि हम तुम्हारी खूबियों से उन्हें कैसे रूबरू करवाये। दिमाग झंझनाया हुआ सवाल कर रहा हैं… आज भी Irrational Numbers को लोग पसंद क्यों नहीं करते।
हां, माना कि तुम non-terminating एवं non-recurring हो, पर तुझपर रुट(√ ) का धब्बा तो नहीं हैं न। लोग… इस तथ्य को कब स्वीकार करेंगे कि तुम Irrational Numbers के दाग से रंगे होने के वावजूद, प्रत्येक Circle के Circumference और Diameter के Ratios को खुद का नाम देकर आस्तित्व प्रदान करती हो। तनिक गौर करो प्रिय, तुम्हारे बिना Circle, Cylinder, Cone व Spheres जैसी Geometrical Shapes के Curved और Total Surface Area तथा Volume जैसे गणितीय तथ्यों का आंकलन संभव हैं क्या? और तो और…मौसी Physics के घर का चूल्हा भी तो तुम्हारे बदौलत ही जलता हैं। sin, cos, tan जैसे trigonometric functions की तो तुम प्राण ही हो, प्रिय…!
तुम्हारा ये असांत और अनावर्ती(non-terminating एवं non-recurring) सा व्यवहार ही तो, मुझे तुम्हारे इतने करीब लाकर दीवाना सा कर गया हैं। आजकल रात में कई-कई बार हम तुमको google करके wikipedia के pages का ट्रैफिक बढ़ाते हैं। मुझ में परिवर्तन तो देखों…सुबह को 9 बजे के आसपास उठकर Whatsapp, Instagram और फ़ेसबुक में विचरण छोड़ मोबाइल में लगें तुम्हारे वॉलपेपर को अधखुली आँखों से निहारते। करीब से जानने की सनक में geometry एवं trigonometry के अनेकानेक रोचक तथ्यों से अबतक अवगत हो चुका हूँ। आजकल eigenvalues, inequality, Fourier transform and Heisenberg uncertainty principles, Gaussian Integrals, Topology, Vector Calculus, Riemann Zeta Function जैसे अनेकानेक गणितीय तथ्यों संग तेरे और समीप आने का सिलसिला जारी हैं।
तुम्हारा अतीत क्या था, यह मेरे लिए महत्वहीन हैं। तुम्हारे संग हमारा भविष्य क्या होगा, इसकी तनिक भी चिंता नहीं हैं मुझे। मैं बस वर्तमान को तेरे नाम करना चाहता हूँ। हां, माना कि तुम उम्र में मुझसे काफी बड़ी हो..फिर भी
इश्क़ को एक उम्र चाहिए और,
उम्र का कोई एतबार नहीं।
––जिगर बरेलवी
तुम्हें इततु सा भी टेंसनियाने की जरूरत नहीं हैं डिअर। समझ न आने वाले बड़े-बड़े Derivation युक्त मुश्किल थ्योरम की तरह कुछ नहीं हो सका तो तुमको रट्टा मार लेंगे। बाकी उत्तर पुस्तिका पर लिखने पर मार्क्स तो देना ही पड़ेगा। एक और प्रोमिस करते हैं, कुछ भी हो जाय, नो चीटिंग।
तुम्हारे पत्र के प्रतीक्षा में,
With infinite love❤️
तुम्हारा पसन्दीदा फॉर्मूला
‘2πr‘
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©पवन Belala Says 2018
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Good one
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Thank U Khushboo…🙏
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Again a जबरदस्त writing….
I liked it very much..👌👌👌👌👌
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🙏🙏🙏
Thanks a lot 😇
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Aati Uttam
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Dhanyawad 🙏
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फिर से एक खूबसूरत पत्र अपने अंदाज में।
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Thank U so much dear Sir 🙏
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ज़बर्दस्त लिखते हो आप पवन जी 🙏👍
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आप पाठकों का स्नेह हैं जी🙏😇
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क्या बात है!
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Thanks Rashi 😊🙏
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Welcome pavan
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हमेशा की तरह एक नयापन एवं ताजगी से भरा कविता, मानों हम अपने स्कूल के समय मे चले गये हो। बहुत बढ़िया पवन। खुश रहो।
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बहुत बहुत धन्यवाद भैया…❤️🙏
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